समाजवाद के प्रणेता डॉ राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि सेक्टर 31 में मनाई गई। सपा के जिला प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने कार्यकर्ताओं के साथ लोहिया जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।" alt="" aria-hidden="true" />
इस अवसर पर बोलते हुए जिला प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने कहा कि 23 मार्च 1910 में फैजाबाद जनपद के अकबरपुर में जन्में राम मनोहर लोहिया के पिता जी हीरालाल अध्यापक थे। हीरालाल जी गांधी जी के अनुयायी थे और जब वह गांधी जी के पास जाते तो लोहिया जी को भी साथ ले जाते इसका उनके जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ा। 1930 में अग्रवाल समाज के कोष से पढ़ने के लिए इंग्लैंड रवाना हुए जहां वह वर्लिन पहुंचे। जर्मनी के वर्लिन से डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की। 1933 में भारत लौटे जहां उनका सामान जब्त कर लिया गया तब उन्होंने हिन्दू अखबार के दफ्तर जाकर लेख लिखा और पच्चीस रुपये प्राप्त किये। इसके बाद वह स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। समान शिक्षा नीति, अमीरी और गरीबी के बीच खाई पाटने, सरकारी संसाधनों को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के पक्षधर लोहिया जी ने गरीबों के हक के लिए जीवन भर संघर्ष किया।
उनके बताए मार्ग पर चलकर समाजवाद की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है।
इस अवसर पर सपा नेता अर्जुन प्रजापति, राजेश कुमार, अविनाश सिंह, नरदीप सिंह, मयंक सिंह, ओमप्रकाश अवाना, सुजीत केसरी, राजेश केसरी, संतोष केसरी, प्रताप प्रजापति, सुरेश, कौशल, राज कुमार सहित तमाम लोग मौजूद रहे
राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि सेक्टर 31 में मनाई गई। सपा के जिला प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने कार्यकर्ताओं के साथ लोहिया जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।